21वीं शताब्दी में हम तकनीकी युग के चरम पर हैं, जहां मोबाइल फोन और सोशल मीडिया हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं। इस डिजिटल युग में भी, दोस्तों के साथ होने वाली नोक-झोंक, हल्के-फुल्के लड़ाई-झगड़े और वैचारिक वाद-विवाद जीवन को खट्टी-मीठी यादों से भर देते हैं। रवि शंकर द्विवेदी का यह वैचारिक लेख… Continue reading 21वीं शताब्दी के डिजिटल युग में भी जरूरी मित्रता की मिठास और खट्टी-मीठी यादें