ब्रेन ट्यूमर गंभीर स्थिति, समय पर निदान और उचित उपचार से नियंत्रण संभव

Brain

विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस हर साल 8 जून को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता बढ़ाना और मरीजों को समर्थन प्रदान करना है।

 

ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर स्थिति है जिसमें मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं का असामान्य वृद्धि होता है। यह ट्यूमर दो प्रकार के हो सकते हैं: ‘बिनाइन्‌’ और ‘मैलिग्नेन्ट’, बिनाइन्‌ ट्यूमर धीमी गति से बढ़ते हैं और सामान्यतः कम खतरनाक होते हैं। मैलिग्नेन्ट ट्यूमर तेजी से बढ़ते हैं और अधिक हानिकारक हो सकते हैं।

 

लक्षण

 

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ट्यूमर के आकार, स्थान और गति पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • लगातार सिरदर्द, विशेष रूप से सुबह के समय
  • मतली और उल्टी
  • दृष्टि, सुनवाई या बोलने में कठिनाई
  • संतुलन और समन्वय में समस्याएं
  • व्यक्तित्व या व्यवहार में परिवर्तन
  • दौरे (seizures)

 

कारक

 

ब्रेन ट्यूमर के कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ सामान्य कारक और स्थितियां हैं जो इनके विकास में भूमिका निभा सकती हैं:

  • आनुवांशिक (जेनेटिक) कारक: कुछ आनुवांशिक विकार, जैसे न्यूरोफाइब्रोमाटोसिस और लि-फ्राउमेनी सिंड्रोम, ब्रेन ट्यूमर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
  • पर्यावरणीय जोखिम: कुछ पर्यावरणीय जोखिम कारक, जैसे आयनकारी विकिरण (रेडिएशन) के संपर्क में आना, ब्रेन ट्यूमर के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
  • परिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को ब्रेन ट्यूमर हुआ हो, तो अन्य परिवार के सदस्यों में इसका जोखिम बढ़ सकता है।
  • उम्र: उम्र के साथ ब्रेन ट्यूमर का जोखिम बढ़ता है, हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकता है।
  • लिंग: कुछ प्रकार के ब्रेन ट्यूमर पुरुषों में अधिक सामान्य होते हैं, जबकि अन्य प्रकार महिलाओं में अधिक पाए जाते हैं।
  • वायरल संक्रमण: कुछ शोध में सुझाव दिया गया है कि कुछ वायरस और बैक्टीरिया संक्रमण ब्रेन ट्यूमर के विकास में भूमिका निभा सकते हैं, हालांकि इस पर अभी भी अधिक शोध की आवश्यकता है।
  • इम्यून सिस्टम डिसऑर्डर: कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में भी ब्रेन ट्यूमर का जोखिम अधिक हो सकता है।

 

इन कारकों के बावजूद, ब्रेन ट्यूमर का सही कारण अक्सर अज्ञात रहता है।

 

निदान

 

ब्रेन ट्यूमर का निदान आमतौर पर निम्नलिखित विधियों से किया जाता है:

  • एमआरआई और सीटी स्कैन: ये इमेजिंग तकनीकें मस्तिष्क की संरचना को विस्तार से देखने में मदद करती हैं।
    बायोप्सी: एक सर्जिकल प्रक्रिया जिसमें ट्यूमर का एक छोटा नमूना लेकर उसका परीक्षण किया जाता है।

 

उपचार

 

ब्रेन ट्यूमर का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें ट्यूमर का प्रकार, आकार, स्थान और रोगी का सामान्य स्वास्थ्य शामिल है। उपचार विकल्पों में शामिल हैं:

  • सर्जरी: ट्यूमर को निकालने के लिए सर्जिकल हस्तक्षेप।
  • रेडियोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए उच्च ऊर्जा विकिरण का उपयोग।
  • कीमोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग।
  • लक्षित चिकित्सा: विशेष दवाओं का उपयोग जो कैंसर कोशिकाओं के विशिष्ट पहलुओं को निशाना बनाती हैं।

 

निष्कर्ष

 

ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन समय पर निदान और उचित उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। जागरूकता और सही जानकारी इस लड़ाई में महत्वपूर्ण हथियार हैं।

 

(लेखक डॉ. विवेक कुमार पाण्डेय मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।)