मंत्रों की शक्ति अनंत, स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक उन्नति में मंत्रों का प्रभाव

मंत्र के दो व्यापार हैं—मनन और त्राण। जो मनन किए जाने पर त्राण करे, वही मंत्र कहलाता है।   मननात त्रायत इति मंत्रः। मनन त्राण धर्माणो मंत्राः।   मन को एकाग्र करके जप के द्वारा समस्त भय का विनाश कर पूर्ण रक्षा करने वाले शब्दों को मंत्र कहा जाता है। मन् और त्र, इन दोनों… Continue reading मंत्रों की शक्ति अनंत, स्वास्थ्य एवं आध्यात्मिक उन्नति में मंत्रों का प्रभाव

ऑपरेशन टेबल पर रोगियों को बेहोश करने वाले डॉक्टर की नजर से प्रयागराज महाकुंभ

प्रयागराज महाकुंभ 26 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान के साथ संपन्न हुआ। 62 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं में पवित्र कुंभ मेला क्षेत्र में आस्था और विश्वास की डुबकी लगाई। दिल्ली के प्रसिद्ध गंगाराम अस्पताल के एनीस्थिसिया के डॉक्टर भुवन चंद्र पाण्डेय भी आस्था की डोर से खिंचे चले गए। प्रयागराज महाकुंभ को उनकी नजर से देखिए… Continue reading ऑपरेशन टेबल पर रोगियों को बेहोश करने वाले डॉक्टर की नजर से प्रयागराज महाकुंभ

महाशिवरात्रि पर विशेष : हिंदू धर्म को मत-मतांतर की संकीर्णता से दूर रखना जरूरी

महाशिवरात्रि पर द्वारका शारदापीठ जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीश्री सदानंद सरस्वती जी का विशेष मत     विश्व में भारत ही एकमात्र धर्मभूमि है। धर्मग्लानि को दूर करने ईश्वर भारत में ही अवतार लेते हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि धर्म भारत में ही है। जहां धर्म होगा वहीं तो ग्लानि भी होगी और अभ्युत्थान भी… Continue reading महाशिवरात्रि पर विशेष : हिंदू धर्म को मत-मतांतर की संकीर्णता से दूर रखना जरूरी

प्रयाग कुंभ मेले में 18 फरवरी 1911 को शुरू हुई दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा

आज हवाई जहाज के माध्यम से देश-दुनिया में डाक पहुंच रही हैं। लेकिन कुंभ और प्रयागराज से हवाई डाक सेवा अभिन्न रूप से जुड़ा हुआ है। कुंभ के दौरान प्रयागराज में दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा आरंभ हुई। 18 फरवरी को हवाई डाक सेवा के 114 वर्ष पुरानी हो गई।   डाक सेवाओं ने… Continue reading प्रयाग कुंभ मेले में 18 फरवरी 1911 को शुरू हुई दुनिया की पहली हवाई डाक सेवा

दिल्ली में किताबों का महाकुंभ, पुस्तकों के पन्नों से बह रही ज्ञान की गंगा-यमुना

मोबाइल युग में पुस्तकों के प्रति लोगों की ललक, प्रेम और तड़प अभी भी कम नहीं हुआ है। दिल्ली पुस्तक मेले में पहुंचकर ही इसे बहुत ही आसानी से समझा जा सकता है। दिल्ली के मशहूर गंगाराम अस्पताल में एनीस्थिसिया डिपार्टमेंट में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. भुवन चंद्र पाण्डेय की बदलता इंडिया के पाठकों के लिए… Continue reading दिल्ली में किताबों का महाकुंभ, पुस्तकों के पन्नों से बह रही ज्ञान की गंगा-यमुना

संघर्षों की आंच में तपी अभिलाषा ने बाल कटा कर रोका अपना बाल विवाह

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आज बताने जा रहे खनिज संपदा से संपन्न लेकिन देश के पिछड़े राज्यों में शामिल झारखंड की एक जुनूनी बच्ची की कहानी। मात्र 14 साल की उम्र में बाल विवाह के विरुद्ध इस बच्ची की लड़ाई किसी गाथा से कम नहीं है। झारखंड के खूंटी की अभिलाषा (बदला हुआ नाम) की… Continue reading संघर्षों की आंच में तपी अभिलाषा ने बाल कटा कर रोका अपना बाल विवाह

भास्कर राव कलंबी: धर्म, राष्ट्रवाद और जनजाति विकास के लिए समर्पित जीवन

12 जनवरी: कल्याण आश्रम के द्वितीय राष्ट्रीय संगठन मंत्री स्व भास्कर राव कलंबी जी का स्मृति दिवस   तरुण विजय:    भास्कर राव ऐसे एक प्रबुद्ध व्यक्ति थे, जो गांधीजी और दीनदयाल उपाध्याय के उच्च आदर्शों के साथ एकाकार हो गए और उन्होंने अपना जीवन पूरे भारत में धर्म, राष्ट्रवाद और जनजाति विकास के लिए… Continue reading भास्कर राव कलंबी: धर्म, राष्ट्रवाद और जनजाति विकास के लिए समर्पित जीवन

रामकृष्ण और विवेकानंद से बहुत निकट थे गांधी, यह बात हमसे क्यों छुपाई गई?

महात्मा गांधी पर श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद का गहरा प्रभाव था। मैंने अपनी पुस्तक “महात्मा गांधी पर श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद का प्रभाव” में इस पर विस्तार से प्रकाश डाला है। स्वामी विवेकानंद का समय 1863 से 1902 तक का है। स्वामी रामकृष्ण परमहंस का जन्म 1836 और निधन 1886 में… Continue reading रामकृष्ण और विवेकानंद से बहुत निकट थे गांधी, यह बात हमसे क्यों छुपाई गई?

एक अराजनैतिक अर्थशास्त्री, जो बना देश के आर्थिक पुनर्जागरण का पुरोधा

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में डॉ. मनमोहन सिंह का नाम उन शिखर पुरुषों में शुमार होता है, जिन्होंने अपनी विद्वता, सादगी और दूरदर्शिता से राजनीति को नई दिशा दी। सत्ता से परे मनमोहन सिंह और भारत का आर्थिक पुनर्जागरण की कहानी उस प्रेरणा से शुरू होती है, जब एक साधारण परिवार का बालक गहरी मेहनत और… Continue reading एक अराजनैतिक अर्थशास्त्री, जो बना देश के आर्थिक पुनर्जागरण का पुरोधा

सोलर पॉवर की ऊर्जा क्रांति में भारत के साथ दुनिया के विकास की कुंजी

भारत, एक उभरता हुआ वैश्विक शक्ति केंद्र, अपनी बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लंबे समय तक पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे कोयला, खनिज तेल, और प्राकृतिक गैस पर निर्भर रहा है। लेकिन आज, जब दुनिया जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संकट के गंभीर दौर से गुजर रही है, सौर ऊर्जा एक स्थायी और प्रभावी… Continue reading सोलर पॉवर की ऊर्जा क्रांति में भारत के साथ दुनिया के विकास की कुंजी