सोलर पॉवर की ऊर्जा क्रांति में भारत के साथ दुनिया के विकास की कुंजी

भारत, एक उभरता हुआ वैश्विक शक्ति केंद्र, अपनी बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लंबे समय तक पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे कोयला, खनिज तेल, और प्राकृतिक गैस पर निर्भर रहा है। लेकिन आज, जब दुनिया जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संकट के गंभीर दौर से गुजर रही है, सौर ऊर्जा एक स्थायी और प्रभावी… Continue reading सोलर पॉवर की ऊर्जा क्रांति में भारत के साथ दुनिया के विकास की कुंजी

घुसपैठ की समस्या से जूझ रही भाषा, हिन्दी को भी चाहिए घुसपैठियों से मुक्ति

हिन्दी दिवस पर विनोद बंसल का विशेष लेख:         घुसपैठ की समस्या से सिर्फ भारत की भौगोलिक सीमाएं ही नहीं अपितु, देश की भाषा भी जूझ रही है। इसमें समय समय पर उर्दू और फारसी के साथ अंग्रेजी ने भी अनेक आक्रमण किए। हिन्दी में अंग्रेजी उर्दू और फारसी के अनेक शब्द… Continue reading घुसपैठ की समस्या से जूझ रही भाषा, हिन्दी को भी चाहिए घुसपैठियों से मुक्ति

हर साल सिर्फ सेप्सिस से होती है दुनिया भर में एक करोड़ से ज्यादा मरीजों की मौत

विश्व सेप्सिस दिवस प्रो (डॉ.) वेद प्रकाश का विशेष लेख     सेप्सिस सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों को प्रभावित कर सकता है। इसकी घटनाएं बढ़ रही हैं, पिछले कुछ दशकों में इसमें अत्यधिक वृद्धि देखी गई है। सेप्सिस से प्रति वर्ष लगभग 5 करोड़ लोग प्रभावित होते है।    सेप्सिस के प्रमुख कारकों… Continue reading हर साल सिर्फ सेप्सिस से होती है दुनिया भर में एक करोड़ से ज्यादा मरीजों की मौत

21वीं शताब्दी के डिजिटल युग में भी जरूरी मित्रता की मिठास और खट्टी-मीठी यादें

21वीं शताब्दी में हम तकनीकी युग के चरम पर हैं, जहां मोबाइल फोन और सोशल मीडिया हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं। इस डिजिटल युग में भी, दोस्तों के साथ होने वाली नोक-झोंक, हल्के-फुल्के लड़ाई-झगड़े और वैचारिक वाद-विवाद जीवन को खट्टी-मीठी यादों से भर देते हैं। रवि शंकर द्विवेदी का यह वैचारिक लेख… Continue reading 21वीं शताब्दी के डिजिटल युग में भी जरूरी मित्रता की मिठास और खट्टी-मीठी यादें

क्या आप जानते हैं और समझना चाहेंगे कि राष्ट्र का सबसे बड़ा दुश्मन है तंबाकू

हमारे आने वाली पीढ़ियों को किसी भी राष्ट्र के सबसे बड़े दुश्मन “तंबाकू” के प्रति संवेदनशील बनाने की बड़ी आवश्यकता है। अच्छा और पवित्र कार्य करने के लिए कभी देर नहीं होती। यह सही समय है कि हम सभी का ध्यान दुनिया के तीसरे सबसे नशे वाले पदार्थ की ओर खींचें। ये इसीलिए भी जरूरी… Continue reading क्या आप जानते हैं और समझना चाहेंगे कि राष्ट्र का सबसे बड़ा दुश्मन है तंबाकू

बच्चों को बचाएं: मजे में ली गई सिगरेट की पहली कश लत बनकर बन जाती है मौत

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष:   विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तम्बाकू महामारी की ओर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने के लिए 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस बनाया। तंबाकू सेवन से होने वाली मौतों का आंकड़ा बहुत ही भयावह है। दुनिया भर में हर साल 6.7 मिलियन से अधिक लोग तम्बाकू के सेवन… Continue reading बच्चों को बचाएं: मजे में ली गई सिगरेट की पहली कश लत बनकर बन जाती है मौत

प्रधानमंत्री का कन्याकुमारी विवेकानंद शिला स्मारक जाना साधारण घटना नहीं

लोकसभा चुनाव अंतिम चरण की ओर है। एक जून को आखिरी चरण का मतदान बाकी है। इस बीच 30 मई से एक जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के शहर कन्याकुमारी के प्रवास पर रहेंगे। प्रधानमंत्री कन्याकुमारी में “विवेकानंद शिला स्मारक” में स्थित स्वामी विवेकानंद की मूर्ति और “ध्यान मंडपम” में ध्यान और साधना करेंगे। प्रधानमंत्री… Continue reading प्रधानमंत्री का कन्याकुमारी विवेकानंद शिला स्मारक जाना साधारण घटना नहीं

सड़क पर हादसों से सुरक्षा देश के हर नागरिक का कर्तव्य भी और अधिकार भी

पुणे में हुए दुर्भाग्यपूर्ण पोर्श एक्सीडेंट से हुई दो इंजीनियर की मृत्यु ने पुनः सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के संदर्भ के बारे में सोचने पर विवश किया है। सड़क दुर्घटनाएं न केवल हर वर्ष बढ़ती जा रही है, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना पर भी गहरा असर डाल रही हैं। हर साल… Continue reading सड़क पर हादसों से सुरक्षा देश के हर नागरिक का कर्तव्य भी और अधिकार भी

बुद्ध पूर्णिमा: स्वामी विवेकानंद के जीवन पर भगवान बुद्ध और बौद्ध पंथ का प्रभाव

बुद्ध जयंती पर विशेष :   बुद्ध पूर्णिमा का विशेष दिवस मात्र बौद्ध पंथ के अनुयायियों के लिए ही नहीं बल्कि हिन्दू या कहे सनातन परंपरा में मान्यता रखने वाले लोगों के लिए भी उत्सव का दिन होता है। यह दिन बौद्ध पंथ के संस्थापक भगवन बुद्ध की जयंती के तौर पर मनाया जाता है,… Continue reading बुद्ध पूर्णिमा: स्वामी विवेकानंद के जीवन पर भगवान बुद्ध और बौद्ध पंथ का प्रभाव

साहित्य, संस्कृति और राजनीति के अद्भुत समन्वयक थे आचार्य विष्णुकांत शास्त्री

भारत में लोकतंत्र के महापर्व जारी है। पश्चिम बंगाल में भी मतदान हो रहे हैं। देश भर में विभिन्न नेता ऐसे हैं, जो साहित्य में रुचि रखते हैं और राजनीति में भी अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं। ऐसे में, 2 मई, 1929 को कलकत्ता में सारस्वत ब्राह्मण परिवार पंडित गांगेय नरोत्तम शास्त्री एवं रूपेश्वरी देवी… Continue reading साहित्य, संस्कृति और राजनीति के अद्भुत समन्वयक थे आचार्य विष्णुकांत शास्त्री