महात्मा गांधी पर श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद का गहरा प्रभाव था। मैंने अपनी पुस्तक “महात्मा गांधी पर श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद का प्रभाव” में इस पर विस्तार से प्रकाश डाला है। स्वामी विवेकानंद का समय 1863 से 1902 तक का है। स्वामी रामकृष्ण परमहंस का जन्म 1836 और निधन 1886 में हुआ। जबकि महात्मा गांधी का समय 1869 से 1948 तक है।
हालांकि गांधीजी कभी स्वामी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद से नहीं मिले। लेकिन वे दोनों के उपदेशों से गहरे प्रभावित थे। गांधीजी अक्सर अपने भाषणों, पत्रों और विभिन्न मुद्दों पर चर्चाओं में इन दोनों की शिक्षाओं का उल्लेख करते थे। गांधीजी के दर्शन की आध्यात्मिक नींव की तलाश करिए तो यह स्पष्ट होता है कि रामकृष्ण और विवेकानंद के विचारों ने उनके नैतिक और राजनीतिक विश्वासों आकार दिया।
महात्मा गांधी ने न केवल रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद के साहित्य का गहन अध्ययन किया, बल्कि उन्होंने रामकृष्ण मिशन का भी बार-बार दौरा किया। मिशन की बार बार की यात्रा से वह इस आंदोलन के और भी करीब हो गए। कई ऐसे क्षण हैं, घटनाएं हैं, दस्तावेजी प्रमाण हैं कि महात्मा गांधी ने विभिन्न मंचों पर इन दोनों के उपदेशों का संदर्भ दिया। उदाहरण पेश किए। इनके विचारों को उद्धृत किया।
महात्मा गांधी अक्सर अपने भाषणों, पत्रों, चिंताओं और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते समय श्री रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद के उदाहरणों का उल्लेख करते थे।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि स्वामी विवेकानंद समाज में इतनी आदरणीय शख्सियत थे कि आम जनता अक्सर उन्हें महात्मा गांधी को पत्र लिखते समय उद्धृत करती थी। लोग स्वामी विवेकानंद के उपदेशों का उल्लेख करते हुए सवाल पूछते और विभिन्न स्थितियों का वर्णन करते थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि स्वामी विवेकानंद के शब्दों में लोगों के बीच गहरा सम्मान और प्रभाव था। महात्मा गांधी के संकलित कार्यों: निन्यानबे खंडों में ऐसे कई संदर्भ भरे पड़े हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि कई सामाजिक और राजनीतिक नेता आध्यात्मिक व्यक्तित्वों से प्रेरणा लेते थे। महात्मा गांधी भी इससे अछूते नहीं थे। वह उन व्यक्तित्वों में से एक थे जो श्री रामकृष्ण और स्वामी विवेकानंद जैसे आध्यात्मिक गुरुओं से गहरे रूप से प्रभावित थे। गांधी जी ने इन दोनों के जीवन और दृष्टिकोण को विभिन्न पहलुओं में प्रकाशित किया। दोनों की शिक्षाएं और दर्शन महात्मा गांधी के विचारों और क्रियाओं को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते थे।
(लेखक डॉ. निखिल यादव जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से पीएचडी हैं। विवेकानन्द केन्द्र उत्तर प्रान्त के सह-प्रमुख हैं।)