यूपी के बहराइच जिले में बच्चों को नवोदय स्कूल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने वाली पुलिस से मिलिए

PPS Rahul Pandey (1)

बहराइच में पुलिस का मित्र चेहरा सामने आया है। यहां पुलिस गांव-गिराव के प्रतिभाशाली बच्चों को नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करा रही है। इसकी कमान डिप्टी एसपी पयागपुर राहुल पाण्डेय ने खुद संभाल रखी है। इसमें उन्हें पयागपुर थाने के प्रभारी करुणाकर पाण्डेय, पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।

 

कैसे शुरू हुआ सफर

 

कोविड के दौरान राहुल पाण्डेय की तैनाती जालौन जिले में थी। वहां उन्होंने ग्रामीण अंचल के गरीब और प्रतिभाशाली बच्चों की नवोदय विद्यालय की तैयारी में मदद की ये अनूठी पहल की थी। इस सोच को कुछ अच्छे लोग का साथ और सहायता मिली तो पढ़ाई शुरू हो गई। साल 2020 में चार बच्चों का नवोदय विद्यालय में चयन भी हुआ। जालौन से तबादला हुआ तो ये काम वहीं रुक गया।

 

बहराइच में बनी बात

 

करीब दो-ढाई महीने पहले बहराइच में इसे फिर से शुरू करने का विचार आया। राहुल पाण्डेय ने जिले की कप्तान वृंदा शुक्ला से इसका जिक्र किया और बहराइच में भी इसे शुरू करने की इच्छा जताई। कप्तान को पुलिस की पढ़ाई का ये प्रोजेक्ट खूब पसंद आया। उन्होंने राहुल को आगे बढ़ने और हर मदद का भरोसा दिया। साथ ही इस पहल की तारीफ भी की।

 

 

प्राइमरी स्कूल बना सेंटर

 

जिले की कप्तान की सहमति और सहयोग मिला तो जगह की खोज शुरू हुई। पयागपुर तहलीस मुख्यालय के एक प्राइमरी स्कूल को केंद्र बनाया गया। स्कूल में खाली पड़े एक कमरे की अच्छी तरह से साफ-सफाई कराकर क्लास रूप के तौर पर तैयार किया गया। पहले दिन 15 बच्चे आए। 15 बच्चों से शुरू हुआ सफर अब 35 तक पहुंच गया है।

 

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आगे आए इंस्पेक्टर और टीचर

 

पढ़ाने के लिए दो स्थानीय कोचिंग टीचर कंधर्व मिश्रा और प्रवेश शर्मा पहले ही सहमति दे चुके थे। ये यहां स्थानीय स्तर पर बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं। इन्होंने हर रोज एक घंटे इन बच्चों को देने का फैसला लिया। दो सब इंस्पेक्टर मनीष और धीरेंद्र भी स्वेच्छा से आगे आए। दोनों ड्यूटी से वक्त निकालकर इन बच्चों को पढ़ाते हैं। हर रोज स्कूल के बाद करीब तीन से चार घंटे तैयारी कराई जाती है।

 

सभी पांचवी कक्षा के बच्चे हैं। ऐसे में अभी ज्यादातर तहसील के आस-पास के बच्चे इन क्लास में आते हैं। माता-पिता या अभिभावक स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद बच्चों को लेकर सेंटर आते हैं। जिस भी बच्चे या अभिभावक ने रुचि दिखाई। उन सभी को इस सेंटर में दाखिला मिला।

 

नवोदय विद्यालय सरकार की अच्छी योजना है। देश भर में आवासीय विद्यालय चलते हैं। नवोदय विद्यालय में छठी कक्षा में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिला मिलता है। प्रवेश परीक्षा में सिर्फ प्राइमरी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी ही शामिल हो सकते हैं। ग्रामीण अंचल में बच्चों को पढ़ाई की बेहतर सुविधा नहीं मिल पाती।

 

 

बच्चों से मिली जिले की कप्तान

 

प्राइमरी स्कूलों के बच्चे निर्धन परिवार से ही आते हैं। ऐसे में तैयारी के लिए पुस्तकों के साथ ही ड्रेस आदि भी मुहैया कराते हैं। बच्चों की तैयारी का सारा खर्च जनसहयोग और पुलिस प्रशासन स्वयं से उठाते हैं। जिले की पुलिस कप्तान वृंदा शुक्ला खुद इन बच्चों से मिलने और उनका उत्साह बढ़ाने आ चुकी है। उनसे मिलकर बच्चे बहुत ही प्रसन्न हुए।

 

कम वक्त हौंसले बुलंद

 

18 जनवरी को प्रवेश परीक्षा है। बच्चों की तैयारी के लिए कुल तीन महीने का वक्त ही मिल पाया है। इस बार तैयारी थोड़ी देरी से शुरू हुई। लेकिन अगली बार कम से कम छह महीने पहले शुरू करने की योजना है। पुलिस के पढ़ाई के इस प्रोजेक्ट को स्थानीय लोगों का भी सहयोग और सराहना मिल रही है।

 

 

पढ़ाई कराने वाली पुलिस

 

पयागपुर थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर करुणाकर पाण्डेय ने सारी व्यवस्था देखने का जिम्मा उठा रखा है। उन्होंने इस सेंटर की जिम्मेदारी को भी अपनी ड्यूटी में शामिल मान लिया है। राहुल पाण्डेय बीच-बीच में यहां आकर बच्चों से बातचीत करते हैं। उनका उत्साह बढ़ाते हैं। उनकी समस्याएं सुनते और उन्हें दूर कराने की हर संभव कोशिश करते हैं।