राष्ट्रीय खेल बने ग्रीन गेम्स, उत्तराखंड में दिखेगा खेल और पर्यावरण का अनोखा संगम

National Games (4)

हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड को 38वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी करने का गौरव प्राप्त हुआ है, जो इस बार “ग्रीन गेम्स” के रूप में आयोजित किए जा रहे हैं। राज्य ने इस आयोजन को पर्यावरण संरक्षण और सस्टैनिबिलिटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने का एक मंच बनाया है।

 

38वें राष्ट्रीय खेल में खेलों के माध्यम से न केवल खिलाड़ियों की उत्कृष्टता का प्रदर्शन होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरण-संवेदनशील जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा भी मिलेगी। यह आयोजन “संकल्प से शिखर तक” की भावना को प्रकट करते हुए पर्यावरणीय जागरूकता के साथ खेलों के वैश्विक मानकों को पुनः परिभाषित करेगा।

उत्तराखंड 38वें राष्ट्रीय खेल को “ग्रीन गेम्स” के रूप में आयोजित करके, राज्य यह साबित कर रहा है कि बड़े आयोजन भी पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ किए जा सकते हैं। 

इस आयोजन में कई विशेष हरित पहल की गई हैं। खेलों के दौरान पटाखों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केवल प्रमाणित ग्रीन पटाखों का उपयोग किया गया है। साथ ही, इवेंट की सजावट के लिए लगायी गई कलाकृतियों और सेल्फी प्वाइंट को ई-वेस्ट और खेल उपकरणों के वेस्ट से बनाया जाएगा। कुछ स्थलों पर सौर ऊर्जा से संचालित हीटिंग संरचनाओं का उपयोग किया जाएगा, जिससे गैर-नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भरता कम होगी।

 

 

खिलाड़ियों को दिए जाने वाले मेडल और प्रमाणपत्र भी पर्यावरण-अनुकूल और बायोडिग्रेडेबल पदार्थ से बनाए गए हैं। ट्रॉफियों के निर्माण में ई-वेस्ट और वुड वेस्ट का उपयोग किया जाएगा, जो पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देगा। आयोजन के ब्रांडिंग में प्लास्टिक की जगह कपड़े का उपयोग होगा, जिससे प्लास्टिक कचरे को कम किया जा सके।

 

उत्तराखंड को 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक 38वें राष्ट्रीय खेलों  का आयोजन होगा। राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हो रहे हैं। 8 जिलों के 12 शहरों में 35 खेलों का आयोजन होगा। देशभर से करीब 10 हजार से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।

खेल स्थलों पर खिलाड़ियों और अधिकारियों के परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल होगा। “खेल वन” नामक एक विशेष पार्क की स्थापना की जाएगी, जहां 10,000 पेड़ लगाए जाएंगे। हर बार जब कोई खिलाड़ी पदक जीतेगा, उसके नाम का एक पेड़ लगाया जाएगा। राजीव गाँधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में 2 मेगावॉट क्षमता वाले सोलर रूफटॉप्स भी बनाए गए हैं, जो खेल स्थल को ऊर्जा प्रदान करेंगे।

 

उत्तराखंड अपने प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। यह आयोजन केवल खेल प्रतिभा का उत्सव नहीं होगा, बल्कि पर्यावरणीय जिम्मेदारी और स्थिरता का भी प्रतीक बनेगा। उत्तराखंड “संकल्प से शिखर तक” के अपने संदेश के साथ दुनिया को यह दिखाने के लिए तैयार है कि खेलों के माध्यम से सस्टेनबल भविष्य की ओर बढ़ा जा सकता है।