बुनियादी ढांचे की मजबूती और समय पर हस्तक्षेप सेप्सिस के खिलाफ लड़ाई में अहम

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विश्व सेप्सिस दिवस के अवसर पर किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने दो दिनों का “सेप्सिस कंसोर्टियम- 2024” का आयोजन किया जा रहा है। 13 और 14 सितंबर को दो दिन इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।

 

दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सेप्सिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सेप्सिस वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के लिए एक गंभीर चुनौती है। उन्होंने सेप्सिस प्रबंधन और परिणामों में सुधार के लिए चिकित्सको के बीच निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने रोगी देखभाल में उत्कृष्टता के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता और महत्वपूर्ण देखभाल प्रथाओं को आगे बढ़ाने में इसकी भूमिका की भी प्रशंसा की। साथ ही ब्रजेश पाठक ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की सराहना की।

 

 

केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर डॉ. सोनिया नित्यानंद ने सेप्सिस से निपटने में किये जा रहे प्रयासों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए अपना वकतव्य दिया। उन्होंने क्षेत्र में नेतृत्व और सेप्सिस देखभाल मानकों में सुधार के प्रति समर्पण के लिए विभाग की सराहना की। प्रोफेसर डॉ. नित्यानंद ने सेप्सिस प्रबंधन में ज्ञान साझा करने और सर्वोत्तम प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। उन्होने सम्मेलन को सहयोग को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के कौशल को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने सेप्सिस की वैश्विक चुनौती से निपटने में सभी चिकित्सकीय पेषेवरो के योगदान और समर्थन के लिए सभी प्रतिभागियों और मेहमानों के प्रति आभार व्यक्त किया।

हमारे स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और समय पर हस्तक्षेप सुनिश्चित करना सेप्सिस के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय पर किया गया हर प्रयास जीवन बचा सकता है। ब्रजेश पाठक, डिप्टी सीएम, उत्तर प्रदेश

रीजेंसी अस्पताल, लखनऊ में क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. यश जावेरी ने सेप्सिस में प्रारंभिक इलाज में फ्लूड के महत्व पर प्रकाश डाला। विश्व सेप्सिस दिवस का उद्देश्य जागरूकता फैलाना, ज्ञान को अद्यतन करना और सेप्सिस और इसके उपचार के निदान और नई चिकित्सीय रणनीतियों के बारे में शिक्षित करना है।

 

एसजीपीजीआई लखनऊ में आपातकालीन चिकित्सा के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. आर.के. सिंह ने सेप्सिस की शीघ्र पहचान और निदान पर चर्चा की। वीपीसीआई, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसकी परिभाषा और प्रसार सहित सेप्सिस का परिचय प्रस्तुत किया। केजीएमयू में डीन एकेडमिक्स और माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. अमिता जैन ने सेप्सिस में वर्तमान निदान के तौर-तरीकों पर बात की।

हमारे स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को ज्ञान और संसाधनों के साथ सशक्त बनाना सेप्सिस के खिलाफ लड़ाई को बदलने और रोगी परिणामों में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है। प्रो. (डॉ.) सोनिया नित्यानंद, कुलपति, केजीएमयू

पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. दिगंबर बेहरा ने सेप्सिस की समय पर पहचान में विभिन्न जाचों के महत्व पर चर्चा की। एसजीपीजीआई लखनऊ में पल्मोनरी मेडिसिन के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. आलोक नाथ ने सेप्टिक शॉक में इनोट्रोप्स और वेसो प्रेसर्स के उपयोग को प्रस्तुत किया, और उनका उपयोग कब और कैसे करना है, इस पर ध्यान केंद्रित किया।

 

डॉ. एस.के. जिन्दल पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के पूर्व प्रोफेसर और जिंदल क्लीनिक, चंडीगड़ प्रमुख जिंदल ने सेप्सिस और एआरडीएस पर बात की। एसजीपीजीआई लखनऊ में नेफ्रोलॉजी के प्रमुख प्रोफेसर नारायण प्रसाद ने सीआरआरटी की विधि पर चर्चा की। केजीएमयू में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. सुमित रूंगटा ने बताया कि सेप्सिस में लिवर की खराबी को कैसे प्रबंधित किया जाए।

सेप्सिस प्रबंधन में उत्कृष्टता की हमारी निरंतर खोज इस विश्वास से प्रेरित है कि बचाया गया प्रत्येक जीवन मानवता की जीत है। प्रोफेसर (डॉ.) वेद प्रकाश, पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग, केजीएमसू

आरएमएलआईएमएस लखनऊ के पूर्व निदेशक डॉ. दीपक मालवीय ने सेप्सिस में नवीन उपचारों पर बात की। केजीएमयू में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. डी. हिमांशु ने कमजोर प्रतिरक्षा वाले रोगियों में सेप्सिस पर चर्चा की। केजीएमयू में यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. विश्वजीत सिंह ने यूरोसेप्सिस के निदान और प्रबंधन पर चर्चा की। केजीएमयू में पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. वेद प्रकाश ने आक्रामक फंगल संक्रमण में एम्फोटेरिसिन बी की भूमिका पर व्याख्यान दिया।

 

उद्घाटन समारोह में यूपी के डिप्टी सीएम एवं चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ब्रजेश पाठक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर डॉ. सोनिया नित्यानंद मुख्य संरक्षक थीं। कार्यक्रम में पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. एसके जिंदल, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख प्रोफेसर डॉ. दिगंबर बेहरा सहित विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति का भी सम्मान किया गया।

 

आरएमएलआईएमएस लखनऊ के पूर्व निदेशक डॉ. दीपक मालवीय और एसजीपीजीआई लखनऊ में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. आलोक नाथ विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह में प्रोफेसर डॉ. आर के सिंह साइंटिफिक चेयरमैन के रूप में उपस्थित थे। प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र प्रसाद आयोजन अध्यक्ष के रूप में, और प्रोफेसर डॉ. वेद प्रकाश आयोजन सचिव के रूप में मंच पर बैठे थे।