नोएडा में चिकित्सा जगत के पेशवरों के लिए हीमोफीलिया पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका आयोजन नोएडा के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ में हुआ। इस कार्यक्रम में हीमोफीलिया रोगियों के समग्र प्रबधन को लेकर जानकारी साझा की गई।
नोएडा के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ की डॉ. नीता राधाकृष्णन ने हीमोफीलिया में प्रबंधन की मानक देखभाल पर जानकारी साझा की। संस्थान के वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी दिनेश पाल ने हीमोफीलिया के रोगियों की नर्सिंग देखभाल पर व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के पूर्व निदेशक प्रोफेसर और हीमोफीलिया एंड हेल्थ कलेक्टिव ऑफ नॉर्थ के अध्यक्ष प्रोफेसर नरेश गुप्ता ने हीमोफीलिया में उपचार के नए तरीकों और पिछले कुछ दशकों में उपचार में हुई प्रगति पर बात की। अंतिम सत्र हीमोफीलिया प्रबंधन में मनोसामाजिक देखभाल पर था। इसे एमिटी यूनिवर्सिटी, गुड़गांव की मनोविज्ञान की सहायक प्रोफेसर डॉ दीपिका लोहान ने संबोधित किया।
इस सीएमई का आयोजन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर ए के सिंह के संरक्षण में किया गया। बैठक में 79 चिकित्सा पेशेवरों ने भाग लिया। इसमें डॉक्टर, नर्स और परामर्शदाता शामिल थे। बैठक में जन्म से वयस्कता तक हीमोफीलिया रोगियों के समग्र प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
हीमोफीलिया एक दुर्लभ बीमारी है, लेकिन भारत में इसके 25000 से ज़्यादा मरीज़ हैं। PGICH ने आज तक 950 से ज़्यादा मरीज़ों को पंजीकृत किया है और 2018 से व्यापक देखभाल प्रदान करना जारी रखा है। शुरुआती निदान और उचित प्रबंधन से मरीज़ों को इस स्थिति के साथ जीने और अच्छी स्कूली शिक्षा और नौकरी के अवसरों के साथ विकलांगता मुक्त जीवन जीने में मदद मिल सकती है।