राम मनोहर लोहिया अस्पताल में तीसरा सफल हृदय प्रत्यारोपण, युवती को मिला नया जीवन
नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक बड़ी चिकित्सा उपलब्धि हासिल की गई। अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी (CTVS) विभाग ने तीसरे सफल हृदय प्रत्यारोपण को अंजाम दिया। यह जटिल सर्जरी एक 26 वर्षीय युवती पर की गई, जो लंबे समय से दिल की गंभीर बीमारी डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी से जूझ रही […]
नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एक बड़ी चिकित्सा उपलब्धि हासिल की गई। अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी (CTVS) विभाग ने तीसरे सफल हृदय प्रत्यारोपण को अंजाम दिया। यह जटिल सर्जरी एक 26 वर्षीय युवती पर की गई, जो लंबे समय से दिल की गंभीर बीमारी डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी से जूझ रही थीं।
महिला को जो हृदय प्रत्यारोपित किया गया, वह एक 24 वर्षीय युवक का था, जो पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती था। डोनर और मरीज के बीच इस पूरी प्रक्रिया का समन्वय नॉट्टो (NOTTO) के राम मनोहर लोहिया अस्पताल स्थित नोडल अधिकारी डॉ. महापात्रा और उनकी ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर टीम ने किया। चंडीगढ़ स्थित पीजीआई की टीम ने भी हर स्तर पर सहयोग प्रदान किया।
इस पूरी प्रक्रिया में CTVS विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रमुख सर्जन डॉ. विजय ग्रोवर ने, जिन्होंने पूरी सर्जरी का नेतृत्व किया और हर चरण पर मार्गदर्शन दिया। उनके साथ डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. नरेंदर सिंह झाझरिया ने प्रत्यारोपण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न किया। डोनर के हृदय को चंडीगढ़ से लाने की जिम्मेदारी डॉ. पालाश ने निभाई। उन्होंने टीम के साथ जाकर डोनर का दिल सुरक्षित रूप से प्राप्त किया और समय पर दिल्ली लाए।
इस जटिल सर्जरी में अस्पताल की कई टीमों ने एकजुट होकर कार्य किया। कार्डिएक एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. जसविंदर, डॉ. रोहन, और डॉ. तान्या मित्तल ने किया। उनकी टीम के रेजिडेंट्स ने भी भरपूर सहयोग किया। परफ्यूजन टीम में जगदीश और अनवर ने ऑपरेशन के दौरान महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। वहीं, नर्सिंग टीम का नेतृत्व एसएन वलसला, एसएन सृजा और सुमेर सिंह ने किया। तकनीकी स्टाफ में वेद प्रकाश और फूल कुमार ने भी अपने कार्य में उत्कृष्टता दिखाई।
मरीज अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग की निगरानी में थीं। इस मरीज का वर्कअप और इलाज अस्पताल के डॉ. रंजीत नाथ की अगुवाई में कार्डियोलॉजी विभाग की टीम ने किया। डॉ. पुनीत अग्रवाल और डॉ. शिवानी राव की भी इस मरीज की निगरानी में अहम भूमिका रही।
प्रत्यारोपण की पूरी प्रक्रिया के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार लगातार दोनों टीमों — डोनर और रिसीपिएंट — के संपर्क में रहे। उनकी अगुवाई में हर कदम पर प्रशासन के साथ समन्वय बनाने में मददम मिली। इस वजह से पूरी प्रक्रिया बिना किसी बाधा के संपन्न हुई। उनकी सतत निगरानी और नेतृत्व ने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस सर्जरी की सफलता के बाद अस्पताल प्रशासन की भूमिका की भी सराहना की जा रही है। अस्पताल के डायरेक्टर, चिकित्सा अधीक्षक (MS) और डीन ने निरंतर सहयोग और प्रोत्साहन दिया, जिससे इस जटिल ऑपरेशन को समय पर और सफलतापूर्वक पूरा किया जा सका।
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में यह तीसरा हृदय प्रत्यारोपण है। यह उपलब्धि दिखाती है कि जब विभिन्न विभाग मिलकर पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करते हैं, तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। यह सिर्फ एक सर्जरी नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयास, बेहतर योजना और इंसानियत की मिसाल है।
टीम ने इस मौके पर कहा कि ऐसे ही क्षण हमें यह याद दिलाते हैं कि — “हम साथ हैं, तो सब मुमकिन है।”