नोएडा चाइल्ड पीजीआई में अस्पताल की दीवारों के बीच प्रकृति की गोद में सुकून का ठिकाना
नोएडा के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (PGICH) में 29 अक्टूबर 2025 की सुबह कुछ खास थी। अस्पताल के बीचोंबीच एक ऐसा बाग़ खिल उठा, जो दवाओं से नहीं, बल्कि हरियाली और सुकून से इलाज देता है। नोएडा प्राधिकरण के बागवानी निदेशक आनंद मोहन ने इस ‘हीलिंग गार्डन’ का उद्घाटन किया। यह सिर्फ फूल-पौधों […]
नोएडा के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (PGICH) में 29 अक्टूबर 2025 की सुबह कुछ खास थी। अस्पताल के बीचोंबीच एक ऐसा बाग़ खिल उठा, जो दवाओं से नहीं, बल्कि हरियाली और सुकून से इलाज देता है। नोएडा प्राधिकरण के बागवानी निदेशक आनंद मोहन ने इस ‘हीलिंग गार्डन’ का उद्घाटन किया। यह सिर्फ फूल-पौधों का बगीचा नहीं, बल्कि एक ऐसी जगह है जहाँ अस्पताल की भागदौड़ के बीच मरीज और उनके परिवार कुछ पल चैन से साँस ले सकते हैं।
इलाज में अब प्रकृति की ताकत का साथ
PGICH के निदेशक डॉ. ए के सिंह ने बताया कि इस गार्डन का विचार इस सोच से आया कि इलाज सिर्फ दवाओं से नहीं, बल्कि माहौल से भी होता है। हीलिंग गार्डन को इस तरह बनाया गया है कि यहाँ आने वाले मरीजों, खासकर बच्चों और उनके परिजनों को मानसिक शांति और भावनात्मक सुकून मिले। यह जगह उन्हें चिंता और तनाव से थोड़ी देर के लिए दूर ले जाती है — जैसे प्रकृति खुद उनसे कह रही हो, “सब ठीक हो जाएगा।” इस उद्यान का एक और बड़ा उद्देश्य है — अस्पताल के माहौल में प्रकृति को जोड़ना, ताकि लोग सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता का भी संदेश लेकर जाएँ।

सोच-समझकर सजाया गया हर कोना
इस गार्डन की सबसे खूबसूरत बात है इसका डिज़ाइन। यहां व्हीलचेयर-सुलभ रास्ते बनाए गए हैं, ताकि बच्चे और उनके देखभालकर्ता आसानी से घूम सकें। हर थोड़ी दूरी पर बैठने की जगहें हैं जहाँ लोग आराम कर सकते हैं या बस पौधों को निहारते हुए मन को शांत कर सकते हैं।
यहां फूलदार पौधे, औषधीय पौधे और नींबू-संतरे जैसे छोटे फलदार पेड़ लगाए गए हैं। ये न केवल सुंदर दिखते हैं, बल्कि हवा को ताज़ा और मन को हल्का करने का काम भी करते हैं। गार्डन के अंदर ही एक जैविक खाद इकाई लगाई गई है, जहां पौधों के कचरे से खाद बनाई जाती है — यानी हर चीज़ प्रकृति के चक्र का हिस्सा है।
विकास के दौरान किसी भी पुराने पेड़ को नहीं काटा गया। केवल अनुपयुक्त पौधों को हटाकर मिट्टी को बेहतर बनाया गया। आज यहां 300 से ज़्यादा पौधे हैं, जो तितलियों और पक्षियों को अपनी ओर खींचते हैं और इस जगह को जीवंत बना देते हैं।
मिलकर बनाया सुकून का संसार
यह गार्डन कई संस्थाओं के मिलकर काम करने का नतीजा है। इस परियोजना में नोएडा के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ, एडोब इंडिया, गिव मी ट्रीज़ फाउंडेशन और डॉक्टर्स फॉर यू ने मिलकर काम किया। एडोब इंडिया ने इस पहल को आर्थिक और मानवीय दोनों तरह का सहयोग दिया। उनके स्वयंसेवक पौधारोपण और रखरखाव में सक्रिय रहे।
गिव मी ट्रीज़ फाउंडेशन ने पूरे क्षेत्र की सफाई और पौधारोपण का काम संभाला। उद्घाटन के दौरान, अस्पताल में भर्ती बच्चों ने अपने हाथों से बनाई हुई सुंदर पेंटिंग्स इन संगठनों के प्रतिनिधियों को भेंट कीं। यह पल बेहद भावनात्मक था — बच्चों के इन चित्रों में उम्मीद, रंग और जीवन झलक रहा था।
सबके लिए खुला सुकून भरा कोना
अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मुकुल जैन ने बताया कि हीलिंग गार्डन हर दिन दो समय — सुबह 10 से 11 बजे और दोपहर 2 से 4 बजे तक खुला रहेगा। इन घंटों में मरीज और उनके परिजन यहाँ आ सकते हैं, टहल सकते हैं, बैठ सकते हैं और हरियाली से सुकून पा सकते हैं।
दवा नहीं, दिल भी सुकून पाए
हीलिंग गार्डन यह साबित करता है कि इलाज सिर्फ इंजेक्शन और गोलियों का नहीं, बल्कि भावना, संवेदना और माहौल का भी होता है। यहाँ बच्चे खुलकर खेल सकते हैं, परिजन कुछ पल खुद के लिए निकाल सकते हैं, और डॉक्टर भी अपने मरीजों को एक बेहतर, सकारात्मक माहौल में देख सकते हैं।
यह परियोजना इस बात की मिसाल है कि जब संस्थान, कॉर्पोरेट और समाज साथ आते हैं, तो नतीजे सिर्फ खूबसूरत नहीं, बल्कि दिल छू लेने वाले होते हैं। अस्पताल की दो इमारतों के बीच जो जगह पहले खाली पड़ी थी, अब वहाँ जीवन, हरियाली और उम्मीद की नई कहानी लिखी जा रही है।
उम्मीद की हरियाली
नोएडा के PGICH का यह हीलिंग गार्डन दिखाता है कि अस्पताल सिर्फ इलाज की जगह नहीं, बल्कि उम्मीद, पर्यावरण और संवेदना के केंद्र भी बन सकते हैं। यह बाग़ नन्हे मरीजों के चेहरों पर मुस्कान लाएगा और सबको याद दिलाएगा —प्रकृति से जुड़ना, दरअसल खुद से जुड़ने जैसा है।
- नोएडा चाइल्ड पीजीआई
- नोएडा प्राधिकरण
- हीलिंग गार्डन