दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मुश्किल हालात में मरीजों की जान बचाने की सीख
ABVIMS और डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली ने ISACON दिल्ली के सहयोग से एक दिन की “एडवांस्ड एयरवे स्किल्स वर्कशॉप” का आयोजन किया। इस वर्कशॉप का उद्देश्य आपात परिस्थितियों में रोगियों की जान बचाने वाले एयरवे मैनेजमेंट (श्वास मार्ग प्रबंधन) जैसे अहम और जटिल कौशल में विशेषज्ञता को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम का […]
ABVIMS और डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली ने ISACON दिल्ली के सहयोग से एक दिन की “एडवांस्ड एयरवे स्किल्स वर्कशॉप” का आयोजन किया। इस वर्कशॉप का उद्देश्य आपात परिस्थितियों में रोगियों की जान बचाने वाले एयरवे मैनेजमेंट (श्वास मार्ग प्रबंधन) जैसे अहम और जटिल कौशल में विशेषज्ञता को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन ABVIMS और अस्पताल के निदेशक डॉ. (प्रो.) अशोक कुमार और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. (प्रो.) विवेक दीवान ने किया। इस मौके पर डॉ. अशोक कुमार ने कहा, “इमरजेंसी में मरीज को सही समय पर और सही तरीके से सांस लेने में मदद न मिले, तो उसकी जान को खतरा हो सकता है। ऐसे में डॉक्टरों के पास यह कौशल होना बहुत ज़रूरी है। ऐसे प्रशिक्षण से डॉक्टरों की तैयारी मजबूत होती है और इलाज की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
वर्कशॉप में प्रतिभागियों को सांस के रास्ते को सुरक्षित करने की नई तकनीकों की जानकारी दी गई। व्याख्यान और वीडियो के अलावा वर्कशॉप में शामिल डॉक्टरों को आधुनिक मशीनों और उपकरणों के साथ खुद अभ्यास करने का मौका भी मिला। इसके लिए रोगियों की दशा दिखाने वाले सिमुलेटर तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया।
इस प्रशिक्षण में दिल्ली और आसपास के राज्यों से आए पोस्टग्रेजुएट छात्र, एनेस्थीसिया के डॉक्टर और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ शामिल हुए। इन्हें ऑपरेशन और हादसों के दौरान आने वाले जटिल हालातों से निपटने के लिए जरूरी तकनीक सिखाई गईं। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लाइव डेमोंस्ट्रेशन के जरिए बताया कि नई तकनीकों की मदद से मरीज की सांस की नली को सुरक्षित किया जा सकता है।
वर्कशॉप में एनेस्थीसिया और आईसीयू में आमतौर पर इस्तेमाल हो रहे आधुनिक उपकरणों और तरीकों का अभ्यास कराया गया। प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों की देखरेख में इन तकनीकों का अभ्यास किया।
ABVIMS और डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल डॉक्टरों की निरंतर सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने बताया कि इस प्रशिक्षण से उन्हें न सिर्फ नई जानकारी मिली, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में काम करने का आत्मविश्वास भी बढ़ा है। ऐसे आयोजन डॉक्टरों को हर हाल में तैयार रहने की दिशा में एक अहम कदम हैं।