बच्चों में कैंसर और रक्त संबंधी विकारों के इलाज में समय रहते निदान जरूरी

बच्चों में कैंसर और रक्त विकारों का इलाज तभी प्रभावी हो सकता है, जब उसका समय रहते निदान हो जाए। देश में इसके लिए समान उपचार प्रोटोकॉल और व्यापक सहयोग नेटवर्क की सख्त जरूरत है। यह बात इंडियन पीडियाट्रिक्स अकादमी (IAP) के पीएचओ चैप्टर के चेयरपर्सन डॉ. श्रीपाद बनावली ने कही। डॉ. श्रीपाद नोएडा में […]

बच्चों में कैंसर और रक्त विकारों का इलाज तभी प्रभावी हो सकता है, जब उसका समय रहते निदान हो जाए। देश में इसके लिए समान उपचार प्रोटोकॉल और व्यापक सहयोग नेटवर्क की सख्त जरूरत है। यह बात इंडियन पीडियाट्रिक्स अकादमी (IAP) के पीएचओ चैप्टर के चेयरपर्सन डॉ. श्रीपाद बनावली ने कही। डॉ. श्रीपाद नोएडा में आयोजित मिडटर्म पीडियाट्रिक हैमेटोलॉजी ऑनकोलॉजी (PHO) सीएमई 2025 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रीय स्तर का यह कार्यक्रम पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (PGICH), नोएडा के तत्वावधान में आयोजित किया गया। देशभर से बाल रोग विशेषज्ञ, कैंसर चिकित्सक और शोधकर्ता इसमें शामिल हुए।

पीएचओ चैप्टर के सचिव डॉ. मनस कलरा ने कहा कि बच्चों के जीवन को बचाने में डॉक्टरों की भूमिका सतत सीखने पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि ऐसे शैक्षणिक मंच डॉक्टरों को आधुनिक शोध, तकनीकों और उपचार पद्धतियों से अवगत कराते हैं। इससे न केवल पेशेवर क्षमता बढ़ती है, बल्कि जमीनी इलाज में भी सुधार होता है।

सांसद ने की बाल स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की वकालत

मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में पहुंचे गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा ने बाल स्वास्थ्य को राष्ट्रीय प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में ठोस नीति और योजनाओं पर काम कर रही है। डॉ. शर्मा ने बच्चों में कैंसर और रक्त संबंधी रोगों की शीघ्र पहचान और समय पर इलाज को जीवनरक्षक बताया। उन्होंने PGICH नोएडा और IAP की इस पहल की सराहना की और भरोसा दिलाया कि वे नीति स्तर पर हरसंभव सहयोग देंगे।

रोगी अधिकारों और जागरूकता की भी उठी आवाज

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में शामिल थैलेसीमिया कार्यकर्ता शोभा तुली ने कहा कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बच्चों और उनके परिवारों को इलाज के साथ सही जानकारी और सहयोग की भी जरूरत होती है। उन्होंने डॉक्टरों से मरीजों की आवाज सुनने और परिवारों को इलाज प्रक्रिया से जोड़ने की अपील की।

पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ (PGICH), नोएडा के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने संस्थान की ओर से बाल स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से संस्थान को राष्ट्रीय विशेषज्ञों से सीखने और सहयोग बढ़ाने का अवसर मिलता है।

डॉ. नीता राधाकृष्णन की अगुवाई में हुआ आयोजन

कार्यक्रम का उद्देश्य डॉक्टरों को एक साझा मंच देना था, जहां वे अनुभव, शोध और नई रणनीतियां साझा कर सकें। उन्होंने कहा कि बाल कैंसर के इलाज में सिर्फ तकनीक नहीं, बल्कि सामूहिक दृष्टिकोण भी जरूरी है। – सीएमई की आयोजन सचिव और पीएचओ विभागाध्यक्ष डॉ. नीता राधाकृष्णन

वैज्ञानिक सत्रों और कार्यशालाओं में जुटे विशेषज्ञ

उद्घाटन सत्र के बाद दिनभर विशेषज्ञों के बीच विभिन्न वैज्ञानिक सत्र, पैनल चर्चाएं और इंटरऐक्टिव कार्यशालाएं आयोजित की गईं। इनमें बच्चों के कैंसर और रक्त विकारों के निदान, इलाज और देखभाल के नए तरीकों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम में मौजूद विशेषज्ञों ने एकमत होकर कहा कि भारत जैसे देश में बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और एक समान इलाज सुनिश्चित करने के लिए ऐसे मंच बेहद जरूरी हैं।