विश्व हेपेटाइटिस दिवस: दिल्ली के ILBS में सब मिलकर कहेंगे, “Let’s break it down.”
दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलियरी साइंसेज (ILBS) में 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम सुबह 9 बजे शुरू होगा। इस कार्यक्रम देशभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ, छात्र, नीति-निर्माता और आम जन शामिल होंगे। दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलियरी साइंसेज (ILBS) में 28 जुलाई को […]
दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलियरी साइंसेज (ILBS) में 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम सुबह 9 बजे शुरू होगा। इस कार्यक्रम देशभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ, छात्र, नीति-निर्माता और आम जन शामिल होंगे।
दिल्ली स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलियरी साइंसेज (ILBS) में 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम सुबह 9 बजे शुरू होगा। इस कार्यक्रम देशभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ, छात्र, नीति-निर्माता और आम जन शामिल होंगे।
हेपेटाइटिस खामोशी से जान लेने वाली बीमारी है। हेपेटाइटिस वायरस के पांच तरह – A, B, C, D और E – दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। हेपेटाइटिस बी और सी खास तौर पर लिवर के लिए खतरनाक होते हैं। ये लंबे समय तक शरीर में रहकर लिवर सिरोसिस और कैंसर का कारण बन सकते हैं। इलाज और टीकों की उपलब्धता के बावजूद यह बीमारी आज भी एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है।
लिवर और पाचन रोगों के इलाज, शोध और प्रशिक्षण के लिए आईएलबीएस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संस्थान है। इस बार हेपेटाइटिस दिवस पर “Breaking barriers to triple elimination” थीम के तहत कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य HIV, सिफलिस और हेपेटाइटिस B के मां से बच्चे में होने वाले संक्रमण को रोकना है। यह प्रयास WHO के 2030 तक इन बीमारियों को खत्म करने के वैश्विक लक्ष्य के अनुरूप है।

आईएलबीएस 11 जुलाई से 31 जुलाई तक दिल्ली के विभिन्न इलाकों में जागरूकता और स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगा रही है। इसमें लोगों को लिवर की सेहत को लेकर जागरुक किया जा रहा है। साथ ही मुफ्त जांच की जा रही है। इसके साथ-साथ छात्रों के लिए एक पोस्टर ड्रा प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है, ताकि रचनात्मक तरीकों से बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाई जा सके।
28 जुलाई को होने वाले मुख्य कार्यक्रम में स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों के अलावा मेडिकल कॉलेजों के विद्यार्थी, स्कूल के शिक्षक और छात्र, मरीजों के परिजन, पत्रकार, और नीति-निर्माता शामिल होंगे। इस दिन विशेषज्ञ तीन प्रमुख संक्रमणों—HIV, सिफलिस और हेपेटाइटिस B—के खिलाफ एकीकृत तरीके से लड़ने के बारे में चर्चा करेंगे। खासकर मां और नवजात में इनकी रोकथाम कैसे की जा सकती है, इस पर जोर रहेगा।
भारत में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम और राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम मिलकर इन बीमारियों की मां से बच्चे में होने वाली संचरण की रोकथाम के लिए काम कर रहे हैं। WHO के साथ जुड़े होने के तौर पर ILBS इस दिशा में एक मजबूत मंच तैयार कर रहा है। इसका लक्ष्य बीमारी से जुड़े हितधारक मिलकर योजना बना सकें और समाधान खोज सकें।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि हेपेटाइटिस को लेकर जागरूकता बढ़े। जांच और इलाज आम लोगों की पहुंच में हो। साथ ही 2030 तक भारत को हेपेटाइटिस मुक्त बनाने के लक्ष्य की ओर मजबूती से बढ़ सकें। इस वर्ष की वैश्विक थीम “#Let’s break it down” इस बात की याद दिलाती है कि बीमारी की जटिलताओं को सरल बनाकर ही हम इसे हराने में कामयाब होंगे।
यह आयोजन सिर्फ बीमारी को लेकर जागरुकता कार्यक्रम भर नहीं है, बल्कि एक जन आंदोलन है। यहां हर नागरिक, हर स्वास्थ्यकर्मी, और हर नीति-निर्माता की भूमिका अहम है। ILBS आमंत्रित करता है कि आप भी इस अभियान का हिस्सा बनें और मिलकर कहें – “Let’s break it down.”
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