UPSC तैयारी में हुई मुश्किल तो IPS राजर्षि वर्मा ने लिख दी किताब
“आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन” सिविल सेवा परीक्षा और कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का ज़रूरी हिस्सा हैं। ख़ासकर सिविल सेवा और राज्य लोक सेवा आयोग (PCS) की परीक्षाओं में इन विषयों की अच्छी समझ होना मुख्य परीक्षा, निबंध और इंटरव्यू—तीनों के लिए बहुत ज़रूरी है। 2017 बैच के आईपीएस अधिकारी राजर्षि राज वर्मा सिविल सेवा […]
“आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन” सिविल सेवा परीक्षा और कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं का ज़रूरी हिस्सा हैं। ख़ासकर सिविल सेवा और राज्य लोक सेवा आयोग (PCS) की परीक्षाओं में इन विषयों की अच्छी समझ होना मुख्य परीक्षा, निबंध और इंटरव्यू—तीनों के लिए बहुत ज़रूरी है।
2017 बैच के आईपीएस अधिकारी राजर्षि राज वर्मा सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दिनों में “आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन” विषय से जुड़ी अध्ययन सामग्री के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। चयन के बाद ही दूसरे अभ्यर्थियों के लिए इस चुनौती को आसान बनाने का फैसला लिया। उन्होंने इस विषय पर Internal Security नामक एक पुस्तक लिख दी। “बदलता इंडिया” के लिए खास तौर पर लिखे गए इस लेख में स्वयं आईपीएस राजर्षि राज वर्मा बता रहे हैं कि इस किताब के लिखे जाने की पूरी कहानी।
जब मैं खुद सिविल सेवा की तैयारी कर रहा था, तब मुझे इन टॉपिक्स के लिए अच्छी और संपूर्ण जानकारी एक ही जगह पर ढूंढ़ने में काफी दिक्कत हुई। जब मैंने कुछ नए अभ्यर्थियों से बात की, तो उनकी भी ज़्यादातर शंकाएं देश की सुरक्षा चुनौतियों की समझ से जुड़ी हुई थीं। तभी मेरे मन में यह किताब लिखने का विचार आया।
आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर पुस्तक लिखने की सबसे बड़ी वजह यही थी कि इस विषय पर कोई समग्र पुस्तक उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में चुनौती यह थी कि सामग्री को एक जगह संकलित करने के लिए कई स्रोतों से जानकारी जुटानी पड़ी।

आज का समय चुनौतियों से भरा हुआ है और भारत को कई बड़ी सुरक्षा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें आंतरिक आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद, पूर्वोत्तर में विद्रोह, नक्सलवाद, दंगे और भीड़ हिंसा जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा संगठित अपराध और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे खतरे भी मौजूद हैं, जो आतंकवाद से गहराई से जुड़े हुए हैं। हाल के वर्षों में साइबर हमले और सोशल मीडिया से जुड़ी चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। वहीं, सीमा—चाहे ज़मीन की हो, समुद्र की हो या आसमान की—सुरक्षा के मुद्दों को आंतरिक सुरक्षा से अलग नहीं किया जा सकता।
इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस किताब में सभी सुरक्षा चुनौतियों को आसान, साफ़ और समझने योग्य भाषा में समझाने की कोशिश की गई है। ख़ास ध्यान इस बात पर रखा गया है कि यह किताब प्रतियोगी परीक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार बने।पुस्तक में सैद्धांतिक बातें भी शामिल की गई हैं और साथ ही वर्तमान घटनाओं से उनका संबंध भी स्पष्ट किया गया है। ज़रूरी आँकड़े और हाल के उदाहरण दिए गए हैं ताकि हर विषय को पूरी तरह से समझा जा सके।
हर अध्याय में पहले से पूछे गए UPSC के प्रश्न दिए गए हैं और उनके आदर्श उत्तर भी प्रस्तुत किए गए हैं। साथ ही अंत में संभावित प्रश्नों की सूची भी दी गई है, ताकि विद्यार्थी और बेहतर तैयारी कर सकें। आपदा प्रबंधन पर एक अलग और विस्तृत अध्याय रखा गया है, जिससे विद्यार्थी इस विषय की सभी ज़रूरी जानकारियाँ पा सकें।
इस किताब को लिखने में मैंने ज़्यादातर भरोसेमंद सरकारी स्रोतों—जैसे गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट और विभिन्न समितियों-आयोगों की रिपोर्टों—का सहारा लिया है और ज़रूरी सामग्री को सरल रूप में यहाँ प्रस्तुत किया है।

फील्ड की पुलिसिंग काफी चुनौती भरी होती है। इसमें स्वयं के लिए भी समय की कमी होती है। लेकिन सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान मैंने जिन कठिनाइयों का सामना किया, उन्होंने मुझे इस पुस्तक को लिखने की प्रबल प्रेरणा दी। इसी बीच मेरी नियुक्ति राजभवन में हुई। ऐसे में यहाँ मुझे इस किताब पर काम करने का अवसर मिला। काम से जब भी फुर्सत मिलती थी, तो मैं पुस्तक लेखन में समय देता था।
इस पुस्तक को लिखने में करीब सवा साल का समय लगा। कभी एक घंटे, कभी दो घंटे समय निकालकर हर दिन नियमित रूप से लिखता था। लगभग एक वर्ष में पुस्तक का ड्राफ्ट तैयार हुआ। फिर उसे अंतिम रूप देने में तीन महीने और लगे।

विषय को इस तरह प्रस्तुत किया गया है कि इतिहास और वर्तमान स्थिति की बेहतरीन समझ बन सके। सरकार की योजनाएं, कार्यक्रम और संस्थागत ढांचा भी स्पष्ट रूप से सामने आए। साथ ही इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है कि भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
यह पुस्तक UPSC एवं राज्य लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए लिखी गई है, लेकिन शोधार्थी, अकादमिक जगत या नीति-विश्लेषण से जुड़े व्यक्ति, और साथ ही भारत की आंतरिक सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन को समझने की इच्छा रखने वाले आम पाठकों के लिए भी यह उतनी ही उपयोगी है।
ऐसे में मेरा विश्वास है कि यह किताब न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए उपयोगी होगी, बल्कि उन सभी पाठकों के लिए भी मददगार साबित होगी जो देश की सुरक्षा चुनौतियों को गहराई से समझना चाहते हैं।

लेखक परिचय:
राजर्षि राज 2017 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे राजस्थान कैडर से जुड़े हुए हैं। उनका मूल निवास रांची, झारखंड है। उन्होंने ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से पूरी की। इसके बाद भुवनेश्वर के ज़ेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए किया।
राजर्षि राज ने UPSC की सिविल सेवा परीक्षा तीन बार पास की। पहली बार 2013 में, दूसरी बार 2014 में और तीसरी बार 2016 में पास करके आईपीएस बने।
अब तक उन्होंने राजस्थान में कई अहम जिम्मेदारियाँ निभाई हैं। वे राज्यपाल के एडीसी (ADC) रहे, टोंक और झुंझुनूं ज़िलों के पुलिस अधीक्षक रहे, और जोधपुर में डीसीपी वेस्ट के पद पर भी कार्य किया। वर्तमान में वे जयपुर में डीसीपी साउथ के पद पर तैनात हैं।
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