KGMU लखनऊ के प्रोफेसर की लेखनी से नई पीढ़ी के लिए पौराणिक कथाएं
दिव्य नारायण उपाध्यायप्रोफेसर, प्लास्टिक सर्जरी, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ The Battle of Panchavati भारतीय पुराणों की कालजयी कहानियों को नई पीढ़ी की भाषा और संवेदना में कहने का एक प्रयास है। इसकी जड़ें हमारी सांस्कृतिक परंपरा में हैं, लेकिन दृष्टि समकालीन और भविष्योन्मुखी है। बदलता इंडिया के लिए खास तौर पर लिखे गए इस […]
दिव्य नारायण उपाध्याय
प्रोफेसर, प्लास्टिक सर्जरी, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ
The Battle of Panchavati भारतीय पुराणों की कालजयी कहानियों को नई पीढ़ी की भाषा और संवेदना में कहने का एक प्रयास है। इसकी जड़ें हमारी सांस्कृतिक परंपरा में हैं, लेकिन दृष्टि समकालीन और भविष्योन्मुखी है। बदलता इंडिया के लिए खास तौर पर लिखे गए इस लेख में स्वयं पुस्तक के लेखक और लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. दिव्य नारायण उपाध्याय साझा कर रहे हैं कि यह पुस्तक क्यों लिखी गई।
“The Battle of Panchavati” सात ऐसी कालातीत कहानियों का संग्रह है जो भारतीय धार्मिक साहित्य के प्रमुख स्तंभों—रामायण, महाभारत, शिव पुराण, भागवत पुराण और बुद्ध चरित—से ली गई हैं। ये वे कहानियाँ हैं जिन्हें हममें से अधिकांश ने बचपन में सुना, टीवी पर देखा, या पुस्तकों में पढ़ा। मेरा उद्देश्य इन क्लासिक्स को आधुनिक रूप में प्रस्तुत करना रहा, ताकि नई पीढ़ी भी इनसे उसी आत्मीयता से जुड़ सके, जैसे हम जुड़े थे—बिना इनके मूल भाव या संदेश से छेड़छाड़ किए।

शीर्षक अध्याय: The Battle of Panchavati
पुस्तक का केंद्र बिंदु ‘The Battle of Panchavati’ है, जो रामायण के अरण्य कांड पर आधारित है। यह वह समय था जब राम, लक्ष्मण और सीता पंचवटी के दंडकारण्य में रह रहे थे और वहीं से रामायण की कथा एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचती है। इस अध्याय में उस संघर्ष, साहस और त्रासदी का समावेश है जिसने आगे चलकर रावण-वध और धर्म की विजय का मार्ग प्रशस्त किया। आधुनिक भाषा में कही गई यह कथा युवा पाठकों के लिए अधिक सुलभ और प्रासंगिक बन सके, यही मेरा उद्देश्य रहा।
शिव का तांडव: Cosmic Dance
पुस्तक की पहली कहानी ‘Cosmic Dance’ है, जिसमें सती के असमय निधन के पश्चात शिव के तांडव नृत्य का उल्लेख है। यह केवल दुख और क्रोध का प्रतीक नहीं, बल्कि ब्रह्मांडीय संतुलन की पुनर्स्थापना की कथा है। इसी तांडव के फलस्वरूप भारतवर्ष में शक्तिपीठों की स्थापना हुई, जो आज भी आस्था का केंद्र हैं।
कृष्ण का अवतार: Eighth Son
‘The Eighth Son’ श्रीकृष्ण के जन्म की वह रहस्यपूर्ण कथा है जिसमें वासुदेव और देवकी की पीड़ा, कंस का अत्याचार और योगमाया की लीला समाहित है। यह अध्याय भागवत पुराण से लिया गया है और कृष्ण के अवतरण के उस गूढ़ उद्देश्य को उजागर करता है जो अधर्म के विनाश और धर्म की स्थापना से जुड़ा है।
भीम का न्याय: The Killing of Keechak
महाभारत के विराट पर्व से प्रेरित ‘The Killing of Keechak’ नारी अस्मिता और भीम के कर्तव्य की कहानी है। द्रौपदी के अपमान और भीम द्वारा कीचक वध की यह गाथा आज भी अन्याय के विरुद्ध खड़े होने का साहस सिखाती है।

गंगा का अवतरण: Gangadhar
‘Gangadhar’ कथा है गंगा के स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण की। राजा भगीरथ की तपस्या और शिव द्वारा गंगा को अपनी जटाओं में धारण करना, यह न केवल आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी एक गहरी प्रतीकात्मक कहानी है।
द्रौपदी का शाप: The Curse of Draupadi
महाभारत के चीरहरण प्रसंग पर आधारित यह अध्याय ‘The Curse of Draupadi’ दर्शाता है कि कैसे स्त्री की पीड़ा और मौन समाज का अपराध बन जाता है। यह आज भी सामाजिक चेतना को झकझोरने वाली एक प्रासंगिक कथा है।
गौतम बुद्ध की यात्रा: Gautam
‘Gautam’ बुद्ध चरित से ली गई कथा है, जिसमें शाक्य राजकुमार सिद्धार्थ से बुद्ध बनने की यात्रा चित्रित की गई है। यह अध्याय आत्मखोज, करुणा और विवेक की राह दिखाता है।
“The Battle of Panchavati” केवल कहानियों का संग्रह नहीं है, यह एक भावनात्मक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा है। मेरा प्रयास रहा है कि इन अमर कथाओं को नई भाषा और शैली में प्रस्तुत कर उन्हें पुनर्जीवित किया जाए, ताकि आज की पीढ़ी भी इनसे उतनी ही गहराई से जुड़ सके जितनी हम जुड़ पाए।
स्वीकृति और सराहना: एक लेखक के लिए सौभाग्य
पुस्तक में Association of Plastic Surgeons of India के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. श्रीधर का प्राक्कथन, लखनऊ के रामकृष्ण मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानंद का प्राक्कथन और एम्स, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक एवं ATLS इंडिया के अध्यक्ष प्रो. एम. सी. मिश्रा की समीक्षात्मक टिप्पणी शामिल हैं। इन सबकी शुभकामनाएँ इस प्रयास को एक गहनता और विश्वसनीयता देती हैं। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि इस पुस्तक ने अपने विमोचन के दिन ही अमेज़न की बेस्टसेलर सूची में स्थान प्राप्त किया और विभिन्न क्षेत्रों से सकारात्मक आलोचनात्मक प्रशंसा पाई।
लेखक परिचय
चिकित्सा सेवा से साहित्य तक की यात्रा
The Battle of Panchavati पुस्तक के लेखक डॉ. दिव्य नारायण उपाध्याय, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU), लखनऊ में प्लास्टिक सर्जरी के प्रोफेसर हैं। वे अमेरिकन कॉलेज ऑफ सर्जन्स के फेलो, अमेरिकन सोसाइटी ऑफ प्लास्टिक सर्जन्स के प्लास्टिक सर्जरी फाउंडेशन के अंतरराष्ट्रीय फेलो और स्विट्ज़रलैंड के बेसल विश्वविद्यालय से एओ-सीएमएफ फेलो भी हैं। डॉ. उपाध्याय का नैदानिक फोकस मुख्यतः क्लेफ्ट और क्रैनियोफेशियल सर्जरी, बाल चिकित्सा प्लास्टिक सर्जरी और ब्रेकियल प्लेक्सस चोटों पर केंद्रित है। वे प्रशिक्षित बीएलएस, एसीएलएस और एटीएलएस प्रशिक्षक भी हैं और नियमित रूप से विश्व भर में चैरिटी सर्जिकल मिशनों में भाग लेते हैं।
डॉ. उपाध्याय कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा पत्रिकाओं के संपादकीय बोर्ड में कार्यरत हैं। अपने विश्वविद्यालय में वे अनेक प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ निभाने के साथ-साथ मरीज़ों की देखभाल और मेडिकल छात्रों एवं प्लास्टिक सर्जरी रेज़िडेंट्स के शिक्षण व प्रशिक्षण में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। The Battle of Panchavati उनकी पहली पुस्तक थी। इसके बाद उन्होंने Daffodils: A Bouquet of Short Stories लिखी, जिसे कोविड काल के दौरान अमेज़न ने ई-बुक के रूप में प्रकाशित किया। उनकी आगामी पुस्तकें Amrit Kalash: The Greatest Stories from Indian Mythology (प्रकाशक: रूपा पब्लिकेशन्स) और Finding Shankara हैं। Finding Shankara आदि शंकराचार्य के जीवन पर आधारित एक प्रामाणिक, नाट्य-रूपांतरित जीवनी है, जिसे श्रृंगेरी शारदा पीठम के परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य के कार्यालय का आशीर्वाद प्राप्त है। यह पुस्तक फिंगरप्रिंट पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित की जा रही है और फिलहाल प्रेस में है।
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